गुरु मर्यादा से जुड़ एकता का संदेश अपनाएं: कुलदीप सिंह

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श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह सोमवार को 19 जैड स्थित संत बाबा फतेह सिंह चनण सिंह सेंट्रल गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। उनका आगमन संगत को गुरु मर्यादा से जोड़ने और कौमी एकता का संदेश देने के उद्देश्य से हुआ । जत्थेदार को गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और शहीद भाई सूखा सिंह मेहताब सिंह धर्मार्थ हॉस्पिटल डाबला बुड्डा जोहड़ के चेयरमैन महेंद्र सिंह चट्ठा सहित अन्य सेवादारों द्वारा सिरोपा भेंट किया।

जत्थेदार ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि सिख कौम का असली मार्ग प्रेम, सेवा और भाईचारे में है। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब समाज में अनेक बुराइयां फैल रही हैं, ऐसे समय में संगत को चाहिए कि वह श्रीगुरु ग्रंथ साहिब के पावन आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करे। जत्थेदार ने कहा कि श्रीगुरु ग्रंथ साहिब समानता, भाईचारे

और सेवा का पाठ पढ़ाते हैं। उन्होंने संगत को आह्वान किया कि वे एकजुट होकर सामाजिक बुराइयों से दूर रहें और पंथ की मर्यादा का पालन करें। उन्होंने गुरुवाणी की इस पंक्ति को भी दोहराया: । ‘नानक नाम चढ़दी

कला, तेरे भाणे सरबत दा भला ।’ अर्थात नानक नाम से चढ़ती कला प्राप्त होती है और ईश्वर की इच्छा से सबका भला होता है। समागम में सिख मिशन राजस्थान के प्रिंसिपल भाई जरनैल सिंह, बाबा मेवा सिंह, बाबा राजन सिंह, भाई हरिसिंह, गुरुद्वारा मुख्य सेवादार तेजेंद्रपाल सिंह टिम्मा सहित बड़ी संख्या में संगत ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में सामूहिक अरदास के साथ हुआ। जिसमें संगत की खुशहाली, समाज में भाईचारे और पंथ की उन्नति के लिए प्रार्थना की गई। गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह का धन्यवाद करते हुए कहा कि धर्म और समाज की सेवा के लिए प्रतिबद्धता जताई।

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